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What is the difference Between Attorney, Barrister, Advocate, Lawyer and more!

दोस्तों आज हम कुछ कॉमन ली यूज किए जाने वाले कुछ टम्स को जानने वाले है। उनके बीच में क्या डिफरेंस है ये समझेंगे एंड आई प्रॉमिस इस पोस्ट की एंड तक ये सरे टम्स बहुत अच्छे से समझ आ जायेंगे इन्हे कब उस करना है कब नहीं ये भी समझ आ जायेगा।



What is the difference Between Lawyer, Advocate, Barrister, Attorney and more!

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सबसे पहले बात करते हैं लॉयर की

जिसे हम वकील भी कहते हैं लॉयन वो इंसान होता है पढ़ाई की हो जो 1 लोग ग्रेजुएट हो तो हर वह इंसान जिसके पास लॉ की डिग्री हो चाहे 3 साल का कोर्स किया हो या 5 साल का है वह इंसान बन जाता है। आप किसी क्लाइंट को कोर्ट में रिप्रेजेंट कर सकते हैं। क्या उनके केस कोर्ट में लड़ सकते हैं नहीं आप उनके से नहीं लड़ सकते बारिश में अपनी लॉ की डिग्री ली है। आपने इंडिया में तो आप बनते हैं फ्री की है वहां से लॉ की पढ़ाई की है तो आप बन जाते हैं बारिश डिफरेंट ली यूज करते हैं दोनों का मतलब एक ही होता है।


लॉयर की तरह बारिश थी

कोर्ट में ऑपरेशन नहीं कर सकता उनके केस नहीं लड़ सकता अपने आप को बार काउंसिल में एंड्रोल करवा ले तिरु बंजारा एडवोकेट अधिवक्ता भी कहते हैं। मान लीजिए आपकी लॉ की डिग्री कंप्लीट हो गई फिर आप क्या करेंगे अब बार काउंसिल ऑफ इंडिया की एग्जाम देंगे इसे पास करने के बाद वहां पर एंड रोल करेंगे और फिर वहां से आपको प्राप्त करने का लाइसेंस मिलेगा और आप लॉयर से प्रमोट होकर बन जाएंगे एडवोकेट बेसिकली जब भी कोई इंसान अपने आपको एडवोकेट बताता है। तो इसका मतलब यह हुआ कि उसके पास प्राप्त करने का लाइसेंस लोगों को कोर्ट में ऑपरेशन कर सकता है। 


वह कोर्ट में केस लड़ सकता है

यही पेड़ होता है और एडवोकेट के बीच में उसके पास लॉ की डिग्री होती है वह को नहीं लड़ सकता नहीं जो एडवोकेट होता है वह बार काउंसिल में एनरोल्ड होता है। और उसके पास कोर्ट में प्राप्त करने का लाइसेंस होता है इसके लिए भी हम 3:00 तक दे देते हैं। लोकेट सीनियर एडवोकेट एडवोकेट ऑन रिकॉर्ड हमने देखा वह होते हैं कोट्स भी लाइंस को रिटेन कर सकते हैं प्राप्त कर सकते हैं सीनियर एडवोकेट क्या होता है यह डेसिग्नेशन पार्टी हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट एडवोकेट को देते हैं। जिनके पास अच्छा खासा एक्सपीरियंस और नॉलेज हो मतलब वह लोग जिनके पास 10 साल से ज्यादा की ताकत हो बहुत सारे केसेस में वह अपीयर्स हुए हो और के फेवर में आए हैं कितने नहीं यह सब देखकर डिसाइड किया जाता है। एक बार अगर कोई आता है तो फिर उनका उनका कोर्ट डिफरेंट हो जाता है उनकी भी बढ़ जाती है स्पेशल नॉलेज ऑन योर एक्सपीरियंस देख कर दिया जाता है इसके बाद आता है। 


एडवोकेट ऑन रिकॉर्ड क्या वो आपको पता है

कि सुप्रीम कोर्ट में सिर्फ और सिर्फ एक बार ही कर सकता है जननी हर कोर्ट के अपने कुछ रोल पंप और प्रोसीजर होते हैं। सुप्रीम कोर्ट के भी अपने रूठे सुप्रीम कोर्ट में आ जाएगा तो सुप्रीम कोर्ट का टाइम वेस्ट हो सकता है इसीलिए वही लोग जो एडवोकेट ऑन रिकॉर्ड में रजिस्टर्ड है। वही एडवोकेट सुप्रीम कोर्ट में केस फाइल कर सकते हैं पता है यहां तक कि किस आरजू भी कोई भी कर सकता है पाइलिंग के लिए रिक्वायर में या कहे तो यह रिस्ट्रिक्शन दी हुई है कि वह सिर्फ एक बार ही करेगा क्योंकि उन्हें पता है। कि सुप्रीम कोर्ट कैसे फंक्शन करता है उसके रूल्स क्या है यार बनने के लिए आपको सुप्रीम कोर्ट एवं एग्जाम क्वालीफाई करनी होती है सुप्रीम कोर्ट की एग्जाम होती है दिल्ली किस प्रकार होती है। आपके पास मिनिमम 5 ईयर्स एक्सपीरियंस होना चाहिए क्या हुआ है मतलब 4 साल का किसी भी को टेक्स्ट 1 साल आप ने सुप्रीम कोर्ट में किसी और के अंदर प्राप्त की होनी चाहिए और एयर के पास खुद 10 साल से ज्यादा का प्राप्त एक्सपीरियंस होना चाहिए। डिफरेंट एडवोकेट सीनियर एडवोकेट और एडवोकेट ऑन रिकॉर्ड के बीच में इसके बाद बात करते हैं एडवोकेट जनरल की जिसे हम महाधिवक्ता भी कहते हैं तो हर स्टेट गवर्नर होते हैं। 


वह अपनी स्टेट के लिए एडवोकेट जनरल अप्वॉइंट करते हैं

इन द बेसिकली काम क्या होता है कि अगर 3 को कोर्ट में रिप्रेजेंटेशन चाहिए ऐसा कोई भी मैटर है जिस पर कमेंट करना है। वह कर एडवोकेट स्टिकमन के सारे कैसे स्कोरर परसेंट करते हैं। एडवोकेट जनरल सभी कहते हैं क्योंकि उन्हें डिपेंड करते हैं के साथी अगर तेरा उनको ऐसे किसी भी लिटिल मास्टर में एडवाइस चाहिए होती है तो वह भी देते हैं एडवोकेट जनरल इसके बाद हम बात करते हैं। अटॉर्नी जनरल की जिसे हम महान्यायवादी भी कहते हैं शादी करता कि वह पेड़ घमंड कर परेशान करते हैं। इसलिए उन्हें स्टील का पोस्ट ऑफिस कहा जाता है अटॉर्नी जनरल काम होता है सेंट्रल गवर्मेंट कैसे डील करना उन्हें कोर्ट में ऑपरेशन करना और इसीलिए इन्हें कंट्री का पोस्ट लीगल ऑफिसर भी कहा जाता है। 


इनका अपॉइंटमेंट होता है

प्रेसिडेंट के थ्रू सेंट्रल गवर्नमेंट एचएसएस देखना उन्हें प्रिंट करना इज़्ज़त होती है। तो फिर अटॉर्नी जनरल के पास जाते हैं इसके बाद आते हैं। सॉलिसिटर जनरल जिसे हम कंट्री का सेकंड लॉग कहते हैं होते जो भी टास्क होते हैं उसमें हेल्प करते हैं। उन्हें सॉलिसिटर जनरल इसमें सेकंड लॉ और इन्हें पोस्ट लॉटरी कहते हैं हम दो और टंकी बारे मान लीजिए कि आपने अपनी लॉ की डिग्री धमकी और बीसीसीआई से रजिस्ट्रेशन भी प्राप्त कर लिया समाज सेवा करने का सुसाइड करने का मन है। तब आप क्या कर सकते हैं हमारे सिस्टर में को क्या कहता है कि अगर कोई भी इंडिविजुअल के अगेंस्ट कोई क्राईम कमेंट किया जा रहा है। कि मान लिया जाएगा कि एक राय सोसायटी अट लार्ज कमेंट किया गया है। 


जैसे मान लीजिए अगेंस्ट कोई प्राइम कमेंट किया अब जो है

वहीं से केस फाइल करेगा क्योंकि जो प्राइम है किस स्टेट की अगेंस्ट कमेंट किया गया था क्राईम अगेंस्ट सोसायटी मान लिया जाएगा चाहे आप करो और सिविल केस पहले बात करते हैं। क्रिमिनल केसेस की और कमल कैसेट में देखा होगा जैसे अगर हमने रेप की बात करें तो उसका नेम क्या था मुकेश जो ऑफेंडर था मुकेश आदर्श एनसीटी आफ दिल्ली यह केस था ऑफेंडर्स वर्सेस जस्टिस फॉर क्रिमिनल केसेस अरे पसंद करते हैं। मतलब जवाब को पीट को स्टेट के थ्रू प्रजेंट करते हैं। वही जो अब तक उनके समर्थन करते हैं प्लीज अभी अभी को करेंगे तो आपके लाएंगे पब्लिक प्रॉसिक्यूटर वही जो बोलते हैं। अलग-अलग स्टेट और यूनियन टेरिटरीज में इनकी हरार की डिफरेंट होती है अपॉइंटमेंट सिस्टम अलग होता है यहां तक कि फ्रेंड होते हैं। मेरे ख्याल से इसलिए ताकि रहेगा इस वीडियो में हमने अभी तक जो कुछ भी समझा सबसे पहले इंसान होगा जिससे लॉन्ग में अपना ग्रेजुएशन कंप्लीट कर लिया है जिसके पास लौकी अपनी डिग्री है। 


उसे कहेंगे वही वह इंसान जो डिग्री प्राप्त की है

इन दोनों के पास लॉ की डिग्री होती है पर वह कोर्ट में अपने क्लाइंट को रिप्रेजेंट नहीं कर सकते तो यह हुआ हिंदी में डिफरेंस के बाद आता है। एडवोकेट करनी है रजिस्ट्रेशन प्राप्त कर लिया है लाइसेंस आ गया है। कोर्ट प्राप्त कर लेता है तो वह बन जाता है। एडवोकेट लाइफ लाइन पर सेंड नहीं कर सकता वहीं ऑटो की मशीन लाइसेंस एक्यू प्राप्त कर सकता है लोगों को रिप्रेजेंट कर सकता है। एडवोकेट इसकी भी हमने दो टाइम देख एक बार सीनियर एडवोकेट ऑन रिकॉर्ड कौन होता है। 


हाईकोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट से एक्सपीरियंस उपाधि रहता है

वहीं एडवोकेट ऑन रिकॉर्ड सुप्रीम कोर्ट इसके बाद हम आते हैं पब्लिक प्रॉसिक्यूटर के ऊपर पब्लिक प्रॉसिक्यूटर कौन होते हैं। जो वेबसाइट को प्रिंट करते हैं जो पीड़ित करके सेंड करते हैं उन्हें हम कहेंगे पब्लिक प्रॉसिक्यूटर एडवोकेट जनरल की एसीबी की टीम 2 मिनट अगर प्रेजेंटेशन चाहिए होता है। राज्य सरकार पर प्रजेंटेशन चाहिए होता है तो कौन जाता है। सेंट्रल गवर्नमेंट का रिप्रेजेंटेशन चाहिए उन्हीं घर पर सेंड करना जाते हैं अटॉर्नी जनरल टोनी जनरल को अष्टकोण करते हैं। सॉलिसिटर जनरल का वीडियो जिसमें हमने यह सारे डिस्कस की उम्मीद करती हूं कि वीडियो स्टार्ट करो कोई भी कंफ्यूजन हो इस वीडियो के सारे टॉप बहुत आसानी से क्लियर हो गए होंगे और अब आप किसी इंसान को गलत नाम से नहीं बुलाएंगे अब कुछ कंफ्यूजन हो तो आप मुझे कमेंट सेक्शन पर जरूर पूछ सकते हैं। इसके साथ ही आप कर सकते हैं और इंफॉर्मेशन प्ले आप मुझे मेरे इंस्टाग्राम पर फिनोलॉजी लीगल पर भी फॉलो कर सकते हैं करती हूं कि वीडियो को पसंद आया होगा। 

Sonu Kumar

Hii Friend's. My name is Sonu Kumar. I am From Punjab. My qualification is 10th, 12th, COPA(iti) and B.Sc IT right now. With this I have also become a front-end developer. and I am a full-time blogger and YouTuber. I love blogging and sharing knowledge information worldwide.

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