E.A.T. कैसे काम करता है - अगर आप SEO के बारे में पढ़ते हैं तो आपने हाल के महीनों में E.A.T. के बारे में बार-बार पड़ा होगा सुना होगा कुछ लोग कहते हैं कि E.A.T. एक रैंकिंग फैक्टर है कुछ लोग कहते हैं कि नहीं है और गूगल हमेशा की तरह गोलमोल जवाब देता है तो आज के इस पोस्ट में E.A.T. के बारे में बात करेंगे यह क्या होता है यह किस तरह की Website के लिए जरूरी है यह ranking factor है या नहीं है और इसके लिए क्या करना चाहिए आपको और जब में Website कह रहा हूँ तो ये Business Website के लिए भी है और Blogs के लिए भी है तो दोनों तरह की वेबसाइट के लिए important है। हेलो दोस्तों मै हूँ सोनू कुमार और आज हम बात कर रहे हैं Google के E.A.T. के बारे में और इसका मतलब क्या होता है EXPERTISE AUTHORITATIVENESS TRUSTWORTHINESS गूगल हर वेबसाइट को एक E.A.T. Score देता है जो हर वेबसाइट को 3 फैक्टर पर टेस्ट करके दिया जाता है 1. Expertise - वेबसाइट या वेबसाइट पर कंटेंट लिखने वाला अपनी फील्ड में कितना एक्सपर्ट है 2. Authoritativeness - यानि की उस कंटेंट लिखने वाले या वेबसाइट की अपनी फ
Investor कैसे बनें - कोई भी नया काम शुरू करने से पहले उसके बारे में नॉलेज लेना ऐसा ही एक नया काम इन्वेस्टर बनना भी हो सकता है और यह पूरी तरह आप की चॉइस होती है कि आप अपने इन्वेस्टमेंट को खुद हैंडल करना चाहते हैं या नहीं और इनवेस्टमेंट के बारे में ज्यादा से ज्यादा जाना आपको इंटरेस्ट लगता है या नहीं अगर आप इन्वेस्टर बनने में इंटरेस्टेड है तो सबसे पहले आपको इस फिल्ड की थोड़ी प्रैक्टिकल नॉलेज लेनी होगी खासकर इन्वेस्टमेंट की बेसिक नॉलेज क्योंकि एक सक्सेस फुल इन्वेस्टर बनने का काम एक रात में नहीं हो सकता बल्कि इसमें टाइम और पेशेंट की जरूरत पड़ती है ऐसे में हमारे इस पोस्ट में हम आपको इन्वेस्टर बनने से जुड़ी ऐसी जरूरी बातें बताने वाले हैं उन्हें जानने के बाद आप यह समझ पाएंगे फिनेसिअल वर्ल्ड को कैसे समझें और अपने इन्वेस्टमेंट्स को हैंडल करना कैसे शुरू करें इसीलिए पोस्ट को पूरा जरूर पढ़े तो चलिए शुरू करते हैं और इंडस्ट्री बनने के लिए जरूरी प्रोसेस को समझते हैं। Investor प्रिंसिपल को समझिए ? एक सफल इन्वेस्टर बनने के लिए आपको इन्वेस्टमेंट प्रिंसिपल को समझना होगा जिसके लिए आपको कु
Body Language कैसे सीखें - कुछ लोगों को देखकर के समझ में आ जाता है कि कितना जबरदस्त कॉन्फिडेंस है मतलब यह ना कुछ गलत कर ही नहीं सकते और यह जो बोलेंगे ना उनकी बात पर विश्वास कर ही लिया जाएगा मतलब जबरदस्त बॉडी लैंग्वेज होती है उनके बिना बोले ही उनके बिना कुछ समझाइए ही कभी कभी लगता है की हमारे पास भी ये चीज होनी चाहिए कि हम कुछ भी ना बोले और हर लोग समझ जाए की हम क्या चाहते हैं कियोंकि बॉडी लैंग्वेज एक तरह का नॉनवर्बल कम्युनिकेशन होता है जिसमें बिना शब्दों के अपने हाव भाव से ही सब कुछ कहा जाता है यानि बॉडी लैंग्वेज को देख करके सामने वाले पर्सन के सारे इमोशंस और एक्सप्रेस को पहचान सकते हैं और उनके जरिए कहीं जाने वाली बात को समझ सकते हैं बॉडी लैंगुएज से जुडी खास बात यह है कि हम जान बूझकर इसका यूज़ नहीं करते है बल्कि अनजाने में हमारे थॉट्स हमारी बॉडी लैंग्वेज के जरिये बहार आता है और अगर सामने वाला व्यक्ति बॉडी लैंग्वेज को रीड करना जानता हो तो उसके लिए यह पता करना बहुत आसान हो सकता है कि हम क्या सोच रहे हैं तो ऐसे में अगर आप भी बॉडी लैंग्वेज को समझना चाहते हैं तो आज का यह पोस्ट आपके
दोस्तों हर कोई हेल्दी रहना चाहता है फिट रहना चाहता है बीमारियां कभी आस पास नहीं आए कुछ ऐसा चाहता है लेकिन फिर भी लाख कोशिश करने के बावजूद किसी ना किसी रीजन से हम बीमार पड़ ही जाते हैं और तब हमें याद आती है डॉक्टर की राइट और ऐसी दवाओं की जो हमें जल्दी से तुरंत राहत दिलाते और हम फिर से फिट हो जाए अब वैसे तो बॉडी से रिलेटेड प्रॉब्लम्स को दूर करने के लिए बहुत से काफी सारे ऑप्शन मौजूद है लेकिन तुरंत राहत दिलाने का मैजिक एलोपैथी ने ही कर दिखाया है। और इसी वजह से वेस्टर्न वर्ल्ड से आने के बावजूद भी मेडिकल साइंस की इस ब्रांच में बहुत ही कम टाइम में अपने पैर इंडिया में भी जमा लिए तो ऐसे में आपको भी यह जरूर जाना चाहिए कि जिन दवाओं को आप कभी सरदर्द तो कभी फीवर को दूर करने के लिए लेते हैं आखिर वो आई कहा से किसने उन्हें नाम दिया है और उनसे होने वाले फायदे और नुकसान क्या क्या है इन सारे सवालों और कूयार्य का सवाल हम आपको इस पोस्ट में मिल जाएगा क्योंकि आज हम लेकर आया है एलोपैथी से जुड़ी पूरी जानकारी तो चलिए शुरू करते हैं और एलोपैथी की जर्नी को करीब से पढ़ते हैं। Allopathy क्या है। एलोपैथी वे
Mental illness kya hai - हम सभी हेल्दी और हैप्पी लाइफ जीना चाहते हैं और इसके लिए अपनी फिजिकल हेल्थ को बेहतर बनाए रखने की पूरी कोशिश भी करते हैं लेकिन क्या हम अपनी मेंटल हेल्थ का ख्याल भी रख पाते हैं क्या जानते हैं कि मेंटल हेल्थ हमारे इमोशंस और साइकोलॉजी से रिलेटेड होती है और हेल्दी और हैप्पी लाइफ के लिए फिजिकल हेल्थ जितनी ज्यादा जरूरी होती है उतनी ही सेम इंपॉर्टेंस मेंटल हेल्थ की भी होती है ऐसे में मेंटल हेल्थ को बेहतर बनाए रखने के बहुत सारे आसान तरीके हैं। जैसे पोसिटिव एटीट्यूड बनाए रखना पर्याप्त नींद लेना फिलिंग्स को शेयर करना और फिजिकल एक्टिविटीज में इंवॉल्व रहना तो इस तरह की बहुत सारी ऐसी एक्टिविटीज होती है जिनमें शामिल होकर आप अपनी मेंटल हेल्थ को बेहतर बना सकते हैं लेकिन अगर मेंटल हेल्थ पर ध्यान नहीं दिया जाये और इसे इग्नोर किया जाए तो मेंटल इलनेस का शिकार हुआ जा सकता है यह मेंटल इलनेस क्या होती है यह जान आपके लिए बहुत बेनिफिशियल हो सकता है और आप लाइफ पहले से कहीं ज्यादा बेहतर बना सकते हैं इसलिए आज इस पोस्ट में हम आपको मेंटल इलनेस की जानकारी देने वाले हैं इसीलिए